The Kashmir Files Review In Hindi : आज हम आपको द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म की पूरी स्टोरी बतानेवाले है। इस फ़िल्म के निर्माता Vivek Agnihotri है। इस फ़िल्म में ये दिखाया गया है कि कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीर में क्या क्या हुआ था। उनको अपने ही घर से कैसे भगा दिया गया था। और साथ मे ये भी दिखाया गया है कि आज के समय मे कॉलेज के स्टूडेंट को कश्मीर के बारे में क्या बताया जाता है। तो वो सच जो अब तक कोई भी नही जानता था वो सब the kashmir files movie में दिखाया गया है।
इस आर्टिकल में हम the kashmir files की full story बतानेवाले है। तो आप भी द कश्मीर फाइल्स की स्टोरी जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढियेगा।
The Kashmir Files Full Story In Hindi | Kashmiri Pandit Story Hindi
The kashmir files फ़िल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि 19 January 1990 के दिन कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे होते है। साथ ही कुछ लोग वहां पर रेडियो पे चल रही इंडिया और पाकिस्तान की मैच सुन रहे होते है।
अब जब सचिन सिक्स मरता है तो जो बच्चा बैटिंग कर रहा होता है जिसका नाम शिव होता है वो खुश होके सचिन ज़िंदाबाद के नारे लगाने लगता है। उसे सुनकर उस बच्चे के साथ खेलरहे मुसलमान के बच्चे उसे मारने लगते है और ये सुनकर वहाँ खड़े लोग भी उस बच्चे को मारने लगते है। किसी तरह उस बच्चे का दोस्त उसे छुड़वाता है और वो दोनों वहाँ से भाग जाते है।
उस तरफ वो बच्चे के माँ बाप भी परेशान हो जाते है कि उनका बच्चा अभी तक घर क्यों नही आया। वो पडोशी से पूछते है तो वो कहते है कि अभी माहौल बहुत खराब चल रहा है आप हो सके कुछ दिनों के लिए कही और चले जाएं।
लेकिन उस बच्चे का पिता कहता है हम हमारा घर छोड़के क्यों जाए। वो बच्चे अभी भी भाग रहे होते है। सभी मुसलमान की गैंग रास्ते पे आके गोली चला रही होती है।
वही पर एक पंडित को दिखाया जाता है। जिसका नाम पुष्कर होता है। जो अपने घर मे ॐ का जाप कर रहा होता है। वहाँ पर सारे मुसलमान मिलके कहते है कि हमारा दुश्मन इंडिया है। उस तरह वो पंडित एक स्कूटर लेकर रास्ते पे दिखाई देता है और वो दोनों बच्चे उसे मिल जाते है। वो उन लोगो को लेकर निकल जाता है।
वहीं पर उस बच्चे के घर पे सब मुसलमान आ जाते है। इसलिए उस बच्चे के पिता को छुप जाना पड़ता है। लेकिन वो लोग दरवाजा तोड़के अंदर आ जाते है। और बिट्टा कराटे जो कि उन लोगो का मुखिया होता है वो उसपे गोली चला देते है। उस बच्चे की माँ जोर जोर से रोने लगती है। तभी वो पंडित उन दोनों बच्चों को लेकर घर मे पहुंच जाता है। वो लोग उसे भी मारने लगते है।
दरहसल वो बच्चे की माँ उस पंडित की बहू लगती थी। फ़िल्म में आगे दिखाया गया है एक बूढे आदमी को जिसका नाम ब्रह्मदत्त होता है। जिसके घर उसके तीन दोस्त आते है।
और तभी एक जवान लड़का वहाँ आता है। उसका नाम कृष्ना होता है। वो दिल्ली से आया हुआ होता है। और जल्द ही फिरसे दिल्ली जाने की बात करता है।
आगे फ़िल्म में दिखाया गया है 2016 में एक औरत जो कि एक कार्यक्रम में भाषण दे रही होती है। दरहसल वो औरत एक प्रोफ़ेसर होती है जो कॉलेज के बच्चो को भाषण दे रही होती है। वहीं पे कृष्णा और वो प्रोफेसर की मुलाकात होती है।
अब फ़िल्म में आगे दिखाया जाता है 1989 में जो बुद्धा आदमी था वो 1989 में एक पुलिस अफसर था। और पंडित उसका दोस्त था। आगे दिखाया जाता है वो पुलिस अफसर बाहर जा रहे होते है।
और दूसरे पुलिस वाले उनके साथ बाहर खड़े होते है। ऐसे में दो लोग बाइक पे आते है और उन सभी पुलिसवाले को गोली से मार देते है। और वो पुलिस अफसर के सामने ही इंडिया का झण्डा निकाल के उन लोगो का झण्डा लगा देते है।
अब ब्रह्मदत्त वो सब बात जो कश्मीर में चल रहा होता है वो कश्मीर के बड़े अफसर को बताता है। लेकिन यह सुनके वो अफसर कहता है की तुम मुझे इंडिया के spy लग रहे हो।और फिर उसे ससपेंड कर देता है।
आगे दिखाया जाता है कृष्णा जो कि वो पंडित का बेटा होता है वो कॉलेज में प्रेजिडेंट का चुनाव लड़ रहा होता है। यह जानने के बाद उस पंडित ने कृष्णा को कहा कि तुम उन्ही लोगो का चुनाव लड़ रहे हो जो हमारे दुश्मन है।लेकिन वो कहता है कि कब तक चलेगी ये दुश्मनी। पंडित उसे पॉलिटिक्स छोड़ने को कहता है।
अब फिर से 1989 का सीन दिखाया जाता है। जहाँ पर उस लड़के के पिता पर उन मुसलमानों ने गोली चलाई थी। अब वो पंडित (पुष्कर) हॉस्पिटल में डॉक्टर को फ़ोन करके कहता है मेरे बेटे को गोली लगी है जल्दी से एम्बुलेंस भेजिए।
उसके बाद उस हॉस्पिटल में एक मुसलमान उसकी पत्नी को लेकर आता है। और जल्दी से उसे खून चढ़ाने को कहता है। लेकिन डॉक्टर कहता है उस ब्लड ग्रुप का खून हमारे पास नही है। तो वो एक दर्दी को गोली मार देता है।
ऐसे में एक लड़का आता है और कहता है मेरा ब्लड ग्रुप भी यही है में उसे खून दे देता हूँ। अब जब वो लड़के के शरीर मे से खून उस मुसलमान की पत्नी के शरीर मे जा रहा होता है तो वो उसकी स्पीड बढ़ा देता है। डॉक्टर कहता है ऐसा करने से वो लड़का मर जायेगा। लेकिन वो उसकी बात नही सुनता।
उसके बाद दिखाया गया है वो पंडित (पुष्कर) अपने दोस्त जो पुलिस अफसर है उसे फ़ोन करके कहता है सारे पंडितो को कश्मीर से बाहर निकलने को कहा गया है।
और वो अपने बेटे का अंतिम संस्कार करके उस रात ही कार में अपने एक दोस्त के साथ बाहर जाने को निकल पड़ते है। तब पुष्कर उसके दोस्त को कहता है कि हमारे साथ जो भी हुआ है वो इंडिया में सबको पता चलना चाहिए। क्योंकि उसके दोस्त का काम ही यही था।
उसका दोस्त उसे उसके एक दोस्त के घर ले जाता है। वहाँ पर एक आदमी सबको समझाता है। और भारत माता की जई के नारे लगाता है। लेकिन वो लोग जोरसे नही बोल सकते थे। नही तो कोई सुन लेता तो उनको भी मार देता।
कुछ ही देर में कुछ टेररिस्ट वहाँ पर आते है और वो उस आदमी को कहते है आप यहाँ सुरक्षित नही हो और वो उसे अपने साथ लेकर चले जाते है। बाकी के लोग घर मे ही छुपे रहते है।
आगे दिखाया गया है पुष्कर अपनी बची हुई फैमिली और कुछ लोगो के साथ ट्रक में जा रहे होते है। तभी वो देखते है उसके बेटे और उस आदमी की लाश पेड़ो पर लटकाई हुई होती है।
अब आगे दिखाया गया है वो सब एक कैम्प में रह रहे होते है। वहाँ पर पता चलता है कि पुष्कर की eye weak हो गयी है और वो आधा अंधा हो सकता है। डॉक्टर उसे महंगा लेंस लगाने को कहता है। लेकिन वो उन्हें सस्ता लेंस लगाने को कहते है।
आगे दिखाया गया है वहाँ सब लोग बहुत बुरी हालत में रह रहे होते है। उन लोगो के पास ज्यादा खाना भी नही होता है। इसलिए पुष्कर सिर्फ एक दिन का ही खाना खाता है।
यहाँ पर सभी ऐसे लोग है जिनका कश्मीर में अपना घर था लेकिन उन लोगो को वहाँ से भगा दिया गया है। और वो इसी आश में रह रहे होते है कि एक दिन उनको अपने घर कश्मीर में फिर से जाने को मिलेगा।
ऐसे में एक दिन वहाँ पर ब्रह्मदत्त आता है। जो कि IAS से प्रमोट होकर home minister का adviser बन गया होता है। वहाँ पर पुष्कर उसे बोलता है यहाँ पर सब बीमार हो रहे है और और बहुत सारे लोगो की मौत हो रही है। ब्रह्मदत्त कहता है कि वो लोग पहाड़ी में रहने वाले है और अभी वो गर्मी में रहने लगे है इसलिए उनकी मौत हो रही है।
वहीं पर बहुत सारे लोग अपनी प्रोब्लेम भ्रह्मदत्त को बताते है। वहीं पर पुष्कर आता है और उसने एक बोर्ड लिया होता है। और वहाँ पर लिखा होता है article 370 हटाओ।
पुष्कर की आंखे भी खराब हो चुकी होती है इसलिए वो ब्रह्मदत्त को भी नही पहचान पाता। और बार बार article 370 हटाने को बोलता है।
उसके बाद ब्रह्मदत्त पुष्कर की फैमिली को मिलता है। और कहता है कि वो उनको रहने के लिए एक घर दे सकता है और नौकरी भी दिला सकता है। वो लोग मान जाते है और वो सब उसी घर मे रहने लग जाते है।
लेकिन यहाँ पर भी ऐसे ही हालात होते है। स्कूल में मौलवी ऐसी ऐसी बात बताता है कि उसे सुनके शिव बहुत डर जाता है। शिव अपने गले मे पहने भगवान के लॉकेट को भी अंदर छुपा देता है। इससे हमें पता चलता है कि वहाँ पर हिन्दू लोग अपने ही धर्म को फॉलो करने से डरने लगे थे।
आगे दिखाया गया है कि बिट्टा करते जो कि एक क्रिमिनल था। फिर भी वो मीडिया में आ जाता है और एक इंटरव्यू में वो कहता है कि उसने सिर्फ 20-30 लोगो को ही मारा है।
क्योंकि वो आरएसएस के थे। और वो खुदको एक फ्रीडम फाइटर बताता है। ये देखके पुष्कर को बहुत बुरा लगता है। क्योंकि वो खुद ही प्राइम मिनिस्टर से बात करना चाहता था लेकिन एक आम आदमी का वहाँ तक पहुंचना बहुत मुश्किल था।
अब इस प्रेजेंट टाइम में कृष्णा ये सब सुनके बहुत परेशान हो जाता है। क्योंकि वहाँ पर कॉलेज में उसे जो सिखाया जाता था वो और जब वो कश्मीर आ गया है तो वहाँ पर जो उसे सच्चाई पता चली वो कुछ और ही थी।
तब उसे याद आता है कि पुष्कर ने उसे क्यो कहा था कि उसके मरने के बाद उसकी अस्थि को उसके घर कश्मीर में बिखेर दे। क्योंकि उसे लगा था कि जीते जी तो नही लेकिन मारने के बाद तो वो अपने घर कश्मीर में जायेगा।
यही कारण था कि कृष्णा पुष्कर की अर्थी लेकर कश्मीर आया था। अब कृष्णा जब उस प्रोफेसर राधिका को वो सब बताता है तो प्रोफ़ेसर उसे कहती है कि वो कश्मीर जाकर वो सब रिकॉर्ड कर लाये जो कि वहाँ के लोग क्या बोलते है।
वो उसे बिट्टा कराटे का नंबर भी देती है। मतलब वो खुद भी बिट्टा कराटे की साइड में है। अब कृष्णा और पुष्कर के सारे दोस्त पुष्कर के घर कश्मीर में जाते है और वहाँ पर शिव जी के मंदिर में शिव जी की मूर्ति को हटाके वहाँ पर 1990 में उन लोगो ने अपना झण्डा लगा दिया था।
अब वो लोग उस झण्डे को हटा देते है और पुष्कर की अस्थि को वहाँ पर बिखेर देते है। अब वो लोग वहां से निकल जाते है। अब कृष्णा बिट्टा कराटे से मिलने जाता है। अब वो एक बोट में बैठता है और उसे चलाने वाले का नाम अब्दुल होता है। अब्दुल वही जो शिव का दोस्त था।
अब अब्दुल उसे फ़ोन में रिकॉर्ड करने को बोलता है। और कहता है वो कभी भी कश्मीरी पंडित के खिलाफ नही था और उसके पिता तो कश्मीरी पंडित के दोस्त थे।
वो कहता है कि उसके पडोशी भी एक कश्मीरी पंडित थे और जिसका बीटा शिवा उसका दोस्त था। और जब वो लोग वहां से भाग रहे थे तब उन्होंने उनकी बहुत मदद की थी।
जो कि एकदम झूठ होता है। ये हम सबको पता है। क्योंकि अब्दुल के पिता ने ही बिट्टा कराटे को बताया था कि पुष्कर का बेटा कहाँ पर छुपा है।
तो वो तो उसकी हेल्प नही कर पाता। लेकिन उससे हमें पता पता चलता है कि उस वक्त अब्दुल छोटा था। तो उसके पिता ने ही उसे ये सब कहा हो और बड़े होते होते उसे ये कह दिया होगा कि कश्मीरी पंडित अपनी मर्जी से ही भाग गए थे।
अब कृष्णा बिट्टा कराटे से मिलता है। और बिट्टा कराटे भी उसे यही कहता है कि उसने किसी को भी नही मारा और कश्मीरी पंडित खुद ही कश्मीर छोड़ के जा रहे थे। और उन लोगो को मारने वाले army officers थे। ये सब सुनके कृष्णा को भी ये सब सच लगता है। और वो जाके ब्रह्मदत्त से झगड़ा भी करता है। और वो ब्रह्मदत्त को कहता है कि उन लोगो को मारने वाले army officers थे।
ये सुनके ब्रह्मदत्त को बहुत गुस्सा आता है। और वो कृष्णा को तीन files दिखता है। उसमें उसने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ जो भी हुआ था उसके न्यूज़ पेपर के cut-out चिपका रखे होते है।
ये सब देखने के बाद कृष्णा को पता चल जाता है कि आखिर सच्चाई क्या है। उस file में कृष्णा की माता और उसके भाई शिव की भी फ़ोटो होती है। जिसे बिट्टा कराटे ने मार दिया था।
अब आगे दिखाया जाता है कि कृष्णा अपने कॉलेज में आ चुका है। और वहाँ पर प्रोफेसर राधिका एक गाना गा रही होती है। जो कि सभी स्टूडेंट को कश्मीर को लेकर misguide कर रहा है।
जाहिर सी बात है आप जब भी कोई बात एक गाने के रूप में सुनते है तो वो आपको बहुत अच्छे से याद रह जाता है। तो इसी तरह अभी भी स्टूडेंट को misguide किया जा रहा था।
वहाँ पर कृष्णा को देखकर प्रोफेसर राधिका को लगता है कि अब तो कृष्णा भी मेरी ही साइड में बोलेगा। तो वो उसे माइक दे देती है। और speech बोलने को कहती है।
यहाँ पर कृष्णा बोलता है कि बहुत साल पहले एक ऋषि मुनि कश्मीर गए थे। जिसका नाम था ऋषि कश्यप। जहाँ पर उन्होंने बहुत समय तक साधना की थी और उन्हें ज्ञान मिला था।
उन्ही के नाम पर उस स्टेट का नाम कश्मीर पड़ा। ऐसे ही बहुत सारे ऋषि मुनि और ज्ञानी लोग वहां पर गए और उन्होंने रिसर्च की। और ऐसे ही बहुत सारे पंडितो ने मिलकर कश्मीर को बसाया।
उसके बाद कुछ इस्लामिक लोग वहां पर आए शरण के लिए। तो पंडितो ने उनको रहने भी दिया। लेकिन धीरे धीरे उनको पता चला कि कश्मीर कितना खास है। फिर उन्होंने पंडितो पर attack करना शुरू कर दिया।
वहाँ पर उन्होंने कश्मीरी पंडितों को मारा, उन्हें ज़बरदस्ती मांश खिलाया। और इसी तरह उन लोगो की संख्या कम कर दी। लगभग 5 लाख कश्मीरी पंडित वहाँ से भाग गए। जो कि वो अब उनके ही घर कश्मीर जा नही सकते थे।
अब इसमे कई लोगो ने कृष्णा को बोलने से रोका। लेकिन अब कृष्णा को सच पता चल गया था इसलिए वो लगातार बोले जा रहा था। उसने अपनी माँ और अपने भाई की स्टोरी भी सबको सुनाई।
अब आगे दिखाया जाता है कि past में पुष्कर अपनी बची हुई फैमिली के साथ रह रहा होता है।वहाँ पर बिट्टा कराटे आता है। और वो आर्मी ड्रेस में होता है।
वहाँ पर वो दूसरे आर्मी ऑफिसर्स को कहता है कि उनकी ड्यूटी चेंज हो गयी है। और वहाँ सभी जगह पर वो कब्जा कर लेता है। और बाकी बचे लोगो को मार देता है।
वो शारदा जो कि कृष्णा की माँ थी उसे भी मार देता है। जहाँ पर सारे बचे हुए कश्मीरी पंडित को भी मार दिया जाता है। ये दृश्य बहुत ही दर्दनाक है। और यहीं से फ़िल्म के end होता है।
दोस्तो ये पढ़ने में आपको ज्यादा फीलिंग नही आएगी। लेकिन जब आप इस फ़िल्म को देखोगे तो आप रोने लग जाओगे। तो हम आपसे यही चाहते है कि एक बार आप the kashmir files फ़िल्म को जरूर देखें।
The Kashmir Files IMDB
The kashmir files फ़िल्म को अब तक 8.3/10 की Imdb rating मिली है।
The Kashmir Files Cast
1. Anupam Kher
Pushkar Nath Pandit
2. Mithun Chakraborty
Brahma Dutt
3. Darshan Kumaar
Krishna Pandit
4. Pallavi Joshi
Radhika Menon
5. Chinmay Mandlekar
Farooq Ahmed Dar ( Bitta Karate)
6. Prakash Belawadi
DR. Mahesh Kumar
7. Puneet Issar
DGP Hari Narain
8. Bhasha Sumbli
Sharda Pandit
9. Sourav Verma
Afzal
10. Mrinal Kulkarni
Laxmi Dutt
11. Atul Shrivastava
Journalist Vishnu Ram
12. Amaan Iqbal
Karan Pandit
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निष्कर्ष
the kashmir files review in hindi आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे जरूर बताएं। यहाँ पर हमने the kashmir files full story in hindi में बताई है। तो हम आपसे यही चाहते है कि आप इस फ़िल्म को जरूर देखें। और आपके मन मे जो भी है आप नीचे comment जरूर करें। धन्यवाद।